Thursday 5 May 2022

हर एक कदम पे साथ तेरी याद ने दिया

 हर एक कदम पे साथ तेरी याद ने दिया

बेचैन जितना था मैं वो भी रात ने किया


आये थे रौशनी में शाम होते ही चल दिए

ये शाम है उसकी गवाह जो आप ने किया


सोचा था वो बताएँगे की प्यार भी क्या चीज है,

मुझको नसीहत प्यार में जज़्बात ने दिया 


शायद करे अहसास वो अपने कुसूर का 

की प्यार के एक जख्म को नासूर कर दिया


माँगा तो जिंदगी था पर वो नहीं मिली

क्या सोच के मोहलत मुझे मेरी मौत ने दिया


मोहलत भी जो मिली मुझे तेरी याद के खातिर

उसको भी तेरी राह में बरबाद कर दिया 



  -:रिशु कुमार दुबे "किशोर":-

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